Sudarshan Setu Inogration:- सुदर्शन सेतु भारत का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज है, जिसका उद्घाटन 25 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह पुल गुजरात के ओखा मुख्य भूमि को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है। इस ब्रिज के बन जाने से ओखा से बेट द्वारका तक पहुंचना आसान हो गया है ।
भारत का यह नया चमचमाता पुल है, जिसे सुदर्शन सेतु (पहले सिग्नेचर ब्रिज) के नाम से जाना जाता था। यह पुल गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित है और ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ता है। यह पुल न केवल एक इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
Sudarshan Setu Inogration
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 February 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के सबसे लंबे केबल-स्टे ब्रिज, सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया। यह 2.32 किलोमीटर लंबा पुल गुजरात में ओखा मेनलैंड को पौराणिक द्वीप बेट द्वारका से जोड़ता है।
980 करोड़ रुपये की लागत से बना यह Sudarshan Setu भारत के बुनियादी ढांचे में एक नया अध्याय लिखता है। सुदर्शन सेतु का निर्माण हो जाने पर यह न केवल ओखा और बेट द्वारका के बीच यात्रा के समय को काफी कम करता है , बल्कि यह पुल द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए भी सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही, यह पुल द्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन भाषण में कहा कि सुदर्शन सेतु भारत की आत्मनिर्भरता और विकास की गाथा का एक उदाहरण है। यह पुल न केवल आधुनिक बुनियादी ढांचे का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है।
Sudarshan Setu इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है
सुदर्शन सेतु अपनी भव्यता से सभी को मंत्रमुग्ध कर रहा है। इसका केंद्रीय डबल-स्पैन खंड 900 मीटर लंबा है, जो इसे भारत के सबसे लंबे केबल-स्टेयड पुलों में से एक बनाता है। चार लेन और 27.20 मीटर चौड़ाई के साथ, यह पुल आरामदायक और तेज यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। इस पुल के दोनों तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ है जो पैदल चलने वालें लोगों को सुरक्षा और मनोरम दृश्यों का आनंद लेने का अवसर देता है ।
द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचना हुआ आसान :
पहले, द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को समुद्री जहाज लेना पड़ता था, जो मौसम पर निर्भर करता था और इसमें देरी भी हो जाती थी। लेकिन सुदर्शन सेतु के बन जाने से अब श्रद्धालु साल भर मंदिर तक आसानी और सुगमता से पहुंच सकेंगे। इससे न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि द्वारका में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
सुदर्शन सेतु की विशेषताएं:
- सुदर्शन सेतु भारत का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज जिसकी लंबाई लगभग 2.32 किलोमीटर है ।
- सुदर्शन सेतु ओखा और बेट द्वारका के बीच की दूरी को घटाकर मात्र 30 मिनट में पार करने की सुविधा प्रदान करता है।
- सुदर्शन सेतु को बनाने में 980 करोड़ रुपये की लागत आई है ।
- सुदर्शन सेतु को श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सज्जित किया गया है।
- सुदर्शन सेतु के ऊपरी भाग में सौर पैनल लगे हैं जो 1 मेगावाट बिजली उत्पन्न कर सकते हैं।
- सुदर्शन सेतु श्रद्धालुओं के लिए द्वारकाधीश मंदिर तक पहुंचने का सुगम रास्ता है ।
सुदर्शन सेतु के बन जाने से होने वाले लाभ:
- सुदर्शन सेतु ओखा और बेट द्वारका के बीच यात्रा के समय को कम करता है ।
- सुदर्शन सेतु द्वारकाधीश मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करता है ।
- सुदर्शन सेतु के बनने से बेट द्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- सुदर्शन सेतु के बन जाने से वहां के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होगा।
सुदर्शन सेतु के निर्माण में खर्च हुए 980 करोड़ रुपये
सुदर्शन सेतु, भारत का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज है जो 980 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसका उद्घाटन 25 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह पुल गुजरात में ओखा मेनलैंड को पौराणिक द्वीप बेट द्वारका से जोड़ता है । इस सेतु की लंबाई 2.32 किलोमीटर है।
इस विशाल परियोजना में इतनी लागत का होना स्वाभाविक है, क्योंकि इसमें कई तरह के कार्यों को अंजाम दिया गया है, जिनमें निम्न चीज़ें शामिल हैं:
- पिलर निर्माण: पुल को सहारा देने के लिए मजबूत पिलरों का निर्माण किया गया।
- केबल निर्माण: पुल के मुख्य स्पैन को सहारा देने के लिए मजबूत केबलों का निर्माण किया गया।
- रोड निर्माण: पुल पर वाहनों के आवागमन के लिए दो लेन वाली सड़क का निर्माण किया गया।
- सुरक्षा निर्माण: पुल पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलिंग, लाइटिंग और अन्य सुरक्षा उपायों का निर्माण किया गया।
- विद्युत आपूर्ति: पुल पर सौर ऊर्जा पैनलों का उपयोग करके स्वयं की बिजली उत्पादन की व्यवस्था की गई है।
- सजावट: पुल के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजावट की गई है।
Sudarshan Setu बनाने वाली कंपनी कौन है
सुदर्शन सेतु को बनाने का श्रेय एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (SP Singla Constructions Private Limited) को जाता है। हालांकि, इसे केवल एक कंपनी ने नहीं बनाया है। इस परियोजना में अन्य महत्वपूर्ण भागीदार भी शामिल हैं:
- नेशनल हाईवे डिवीजन (National Highway Division)
- गुजरात रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट (Gujarat Road and Building Department)
इसलिए, यह कहना उचित होगा कि सुदर्शन सेतु एसपी सिंघला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और अन्य सरकारी विभागों के सहयोग से बनाया गया है।
Sudarshan Setu से जोड़ी यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी लेकिन अभी बहुत सारे लोगों को Sudarshan Setu के बारे में जानकारी नहीं है कि Sudarshan Setu क्या है ,Sudarshan Setu कहा पर स्थित है, Sudarshan Setu को बनाने में कुल कितनी लागत लगी है आदि । इस लिए इस जानकारी को अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें ।