भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और एक-दूसरे के लिए शुभकामनाओं का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई के लंबे, खुशहाल जीवन की कामना करती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
भविष्य पुराण के अनुसार, यमराज और यमुनाजी सूर्य और छाया की संतान थे। यमुनाजी अपने भाई यमराज से प्रेम करती थीं और उन्हें घर बुलाने का आग्रह करती रहती थीं।
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कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमराज ने यमुनाजी के घर जाकर भोजन किया और तिलक कराया। यमराज ने यमुनाजी को हर साल इसी दिन आने का वरदान दिया, तभी से भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हुई।
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भाई दूज पर यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन भाई-बहन यदि यमुना नदी में स्नान करते हैं, तो उन्हें पुण्य लाभ मिलता है।
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इस साल भाई दूज 3 नवंबर को मनाया जाएगा। यह तिथि शनिवार, 2 नवंबर रात 8:21 बजे से शुरू होकर, रविवार, 3 नवंबर रात 10:05 बजे तक रहेगी।
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3 नवंबर को सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे तक भाई दूज की पूजा का शुभ समय रहेगा। तिलक का मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से 3:22 बजे तक रहेगा।
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